गाजीपुर: गाजीपुर जिले के सदर ब्लॉक के छावनी लाइन क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के कोटेदार सर्वेश गुप्ता पर आरोप है कि वह सरकार द्वारा प्रदान की गई नई तौल मशीन का दुरुपयोग कर राशन वितरण में गड़बड़ी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कोटेदार नई तौल मशीन पर ईंट और वांट रखकर तौल की प्रक्रिया पूरी कर रहा है और लाभार्थियों को पुरानी तौल मशीन से घटतौली कर राशन दे रहा है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है, और अब वह सही तौल पर राशन की मांग कर रहे हैं। क्या है मामला? गाजीपुर जिले के छावनी लाइन क्षेत्र में कोटेदार सर्वेश गुप्ता द्वारा सरकारी तौल मशीन का दुरुपयोग किए जाने का मामला सामने आया है। पत्रकारों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, जब राशन वितरण हो रहा था, तब पत्रकारों ने मौके पर पहुंचकर देखा कि कोटेदार नई तौल मशीन पर राशन की जगह ईंट और वांट रखकर तौल कर रहा है। इस दौरान ई पास मशीन पर लाभार्थियों के फिंगरप्रिंट लिए जा रहे थे, लेकिन पर्ची निकलने के बाद राशन लाभार्थियों को पुरानी तौल मशीन से कम मात्रा में दिया जा रहा था, जो कि पूरी तरह से मनमानी और भ्रष्टाचार की स्थिति को दर्शाता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इस पर विरोध किया, तो उनके साथ अभद्रता की गई। इसके अलावा, राशन वितरण के कुछ दिन बाद कोटेदार ने गरीब लाभार्थियों से राशन देने से मना कर दिया और कहा कि अगले महीने में राशन मिलेगा, क्योंकि “टाइम समाप्त हो गया है।” कोटेदार की मनमानी का विरोध: इस मामले में स्थानीय लोग अब खुलकर आवाज उठा रहे हैं। रवि शंकर गुप्ता, रेनू मौर्य, सोनी, रीता, इस्लावती और अन्य ग्रामीणों ने कोटेदार की कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया है और सही तौल पर राशन देने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की नई व्यवस्था के तहत तौल को पारदर्शी और सही तरीके से लागू किया गया है, लेकिन स्थानीय कोटेदार इसकी अवहेलना कर रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी की प्रतिक्रिया: गाजीपुर जिले के जिला पूर्ति अधिकारी अनंत प्रताप सिंह ने इस मामले पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने राशन वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। उन्होंने कहा कि अगर कोटेदार मनमानी कर रहे हैं तो इसकी शिकायत करने पर आपूर्ति विभाग जांच करेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मार्च से ई पास मशीन से जुड़ी नई तौल मशीन का उपयोग शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य राशन वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सही बनाना था। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि कुछ कोटेदार इस व्यवस्था का गलत फायदा उठा रहे हैं और राशन वितरण में गड़बड़ी कर रहे हैं।
क्या होगी कार्रवाई? अब सवाल यह उठता है कि गाजीपुर के इस कोटेदार पर क्या कार्रवाई की जाएगी? क्या जिला आपूर्ति विभाग इस मामले में कार्रवाई करेगा, और कोटेदार सर्वेश गुप्ता के खिलाफ किस प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी? यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस मुद्दे पर विभाग जल्द कोई ठोस कदम उठाता है और यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य में इस प्रकार की मनमानी को रोका जा सके। इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि राशन वितरण व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, और ग्रामीणों को उनके अधिकारों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सरकार को इस मामले में शीघ्र संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गरीबों को उनका पूरा हक मिल सके और राशन वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।