गाजीपुर । लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में पत्रकार सरकार और जनता के बीच निस्वार्थ भाव से काम करता है। शासन प्रशासन और आम जनमानस के बीच पत्रकार सेतु का कार्य करता है। यह बातें जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के सलाहकार डा ए के राय ने कहीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारों का उत्पीडन बढ़ता जा रहा है। इससे पत्रकारों को निजात दिलाने के लिए सरकार को पत्रकार हित में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।जर्नलिस्ट कॉउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अनुराग सक्सेना ने पत्रकारों की आनलाइन गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया ही वह तंत्र है जो सरकार की योजनाओं को आमजन तक और समाज की समस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुंचाकर यह भी जानने की कोशिश करता है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनमानस तक पहुँच रहा है या नहीं। ऐसे में मीडियाकर्मियों को भ्रष्टाचार करने वाले दबंग, गुण्डे और माफियाओं के साथ ही साथ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों का कोपभाजन बनना पड़ता है। ऐसे लोग अपनी पहुंच और ताकत के बल पर मीडिया कर्मियों को झूठे और योजनाबद्ध तरीके से फर्जी मुकदमों में फंसा कर या मार-पीट कर परेशान किया जाता है। मीडिया को निर्भय बनाने के लिए पत्रकार व पत्रकारिता को संरक्षण देने के लिए सरकार को सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यता है।उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को अब सकारात्मक पहल करते हुए हर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए। बीते काफी समय से पत्रकारों के तमाम संगठन सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं। पहले छोटे व मझोले समाचार पत्रों को डाक से भेजने में डाक विभाग से रियायत मिलती थी और समाचार पत्र – पत्रिकाओं के प्रकाशकों को प्रसारित करने में लाभ होता था, वर्तमान समय में जिसे भी सरकार ने उसे भी बंद कर दिया। ऐसे में सरकार को अब ई पेपर व वेब पोर्टल को मान्यता प्रदान करना चाहिए।
गोष्ठी में भागीदारी निभा रहे सभी पत्रकारों ने एक स्वर से पत्रकार हितार्थ पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने तथा वेब पोर्टल व ई-पेपर को मान्यता प्रदान करने की मांग की है ।
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