गाजीपुर । भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित राज्य स्तरीय सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को समर्पण संस्था शास्त्री नगर गाजीपुर के द्वारा वेबीनार के माध्यम से किया गया। संस्थान की निर्देशिका सविता सिंह के नेतृत्व में समन्वयक अजीत कुमार गुप्ता के द्वारा कार्यक्रम परिचर्चा का मुख्य विषय “बधिर एवं श्रवण दिव्यांगों के लिए शीघ्र हस्तक्षेप रणनीतियो ” पर आयोजित किया गया। वेबीनार में प्रथम विशेषज्ञ रामप्रवेश तिवारी (राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नासेर्रप संगठन ) ने हस्तक्षेप के परिचय सहित लक्ष्य एवं उद्देश्य पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि विशेष शिक्षक दिव्यांगों की शीघ्र पहचान करके जिनके पास वाणी नहीं है वाणी देने का प्रयास करते हैं जिनके पास मानसिक क्षमता नहीं है उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करते हैं और हमें अपने कार्य करने पर गर्व है। द्वितीय वक्ता के रूप में धनंजय कुमार सिंह ने शीघ्र हस्तक्षेप के मॉडल से दिव्यांगता के जोखिम के स्तर को कम करने पर विचार साझा किया। ऑडियोलॉजिस्ट सुरेंद्र ने प्रयोगात्मक उदाहरण के द्वारा श्रवण दिव्यांगों के हस्तक्षेप के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम के अगले क्रम में आशीष कुमार गुप्ता (असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी लखनऊ) ने बधिर एवम् श्रवण दिव्यांगो के लिए हस्तक्षेप रणनीतियों के वैश्विक दृष्टिकोण पर विस्तृत चर्चा की। संस्थान निर्देशिका सविता सिंह ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पहचानना एवं स्पष्ट करना, विभिन्न शैक्षिक विकल्पों की आवश्यकताओं को स्पष्ट करना, उनकी आवश्यकताओं में योगदान करने वाले कारकों को पहचानना एवं विशेष बच्चों को प्रदान की जाने वाली शीघ्र हस्तक्षेप रणनीतियों पर विस्तृत वार्ता की गई। राज्य स्तर की सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम से दूर दराज एवं पिछड़े इलाकों से संबंधित विशेष बच्चों एवं उनके परिवार को जागरूक बनाने का यथासंभव प्रयास संस्थान द्वारा किया जा रहा है।प्रतिभागियो के मूल्यांकन उपरान्त कार्यक्रम समापन हुआ ।