गाजीपुर । मुख्तार अंसारी के मोहम्मदाबाद स्थित पैतृक आवास फाटक पर अखिलेश यादव के पहुंचे और मुख्तार की शख्सियत बताने और डिप्टी सीएम केशव मौर्या पर गाजीपुर से बसपा सांसद व सपा प्रत्याशी अफ़ज़ाल अंसारी द्वारा किये गए टिप्पणी में केशव मौर्या पर कई आपराधिक मामले दर्ज है, साथ हत्या जैसे मामले भी दर्ज है और केशव मौर्या खुद एक बड़ा माफिया है के जबाब पर पलटवार करते हुए बीजेपी विधायक स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय ने कहा कि भोजपुरी में एक कहावत है कि सुप त सुप चलनियो हँसे जिसमे 72 छेद है। वहीं उन्होंने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी खुद अपने गिरहबान में झांक कर देंखे, इनके भाई की तुलना एक दुर्दान्त और कुख्यात अपराधी के रूप में रहा है और उसकी तुलना केशव जी से करने की जरूरत नहीं है। निश्चित इस बात को कोई नकार नहीं रहा है कि केशव जी पर मुकदमे है और वो भी 7 मुकदमे है जो लंबित है। वहीं मुख्तार अंसारी के 8 मुकदमे में 2 मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा हुई और बाकी में सात साल या उससे ऊपर की सजा हो चुकी है। तो कही न कही अफ़ज़ाल अंसारी अपने भाई को दिखा रहे है कि मुख्तार मसीहा है, लेकिन जिस तरह से केशव मौर्य का अफ़ज़ाल अंसारी ने अपमान किया है उससे कुशवाहा समाज काफी नाराज है और आने वाले समय मे इसका कुप्रभाव देखने को मिलेगा। वही मुख्तार अंसारी के परिजनों से अखिलेश यादव के मिलने और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर पीयूष राय ने कहा कि देखिए ये लोग कोई नया काम नहीं कर रहे है। तुष्टिकरण की राजनीति पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी और कंग्रेस पार्टी करती आ रही है और ये उनकी मजबूरिया है। ये पार्टिया वोट बटवारा करके ही राजनीति करती आ रही है और वोटबैंक के बटवारे की राजनीति करके एक ग्रुप का वोट बैंक लेने का काम किया है यह कोई नया काम नहीं कर रहे हैं एक जमाने में इसी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी से अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी ने गुनाहों के इतने बड़े कारखास खड़े किए है कि आज भगवान के दरबार से यह फैसला सामने आया है । लेकिन कहीं ना कहीं जनता के मन मे विश्वास है कि अगर समाजवादी पार्टी है तो कहीं ना कहीं गुंडो की पार्टी है। और हमेशा से गुंडो को प्रश्रय देने का काम किया है। वही मुख्तार अंसारी के मोहम्मदाबाद स्थित पैतृक आवास फाटक पर अखिलेश यादव के पहुंचाने और मुख्तार अंसारी की शख्सियत को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए पीयूष राय ने कहा कि मेरा मानना है कि अखिलेश यादव जी वो बयान जरूर दर्ज कर ले कि जिसमें अफजाल अंसारी ने उनके पिताजी पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इन सब चीजों को देखते हुए यही लगता है कि यह लोग अवसरवाद की राजनीति करते हैं। वही पियूष राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी के निधन से अफजाल अंसारी को देखने से लगता है की कभी खुशी है तो कभी गम खुश इस बात से है कि चलो एक माफिया की मौत हो गई अब पुलिस प्रशासन परेशान नहीं करेगी तो वहीं दूसरी तरफ गम का विषय यह है कि अब चुनाव का खर्चा बारचा कौन संभालेगा। वही उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर अफ़ज़ाल अंसारी भुनाने का काम कर रहे है, ये दोहरे चरित्र वाला राजनीति है। वही अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से पिता मुख्तार अंसारी के कब्र पर फातिया पढ़ने को लेकर इजाज मिलने पर पीयूष राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी ठीक नहीं।