गाजीपुर । उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 की व्याख्या करते हुए गत दिनों जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर द्वारा मोहम्मदाबाद थाना अंतर्गत यूसुफपुर निवासी सलमान कुरेशी उर्फ पाटकर के विरुद्ध अंतर्गत धारा 3 /1 में जारी नोटिस को निरस्त करते हुए राज्य सरकार पर ₹20000 का अर्थ दंड लगाया है तथा यह भी आदेश दिया है कि याचिकर्ता सलमान उर्फ पाटकर को प्रतिकार स्वरूप राज्य सरकार आयत धनराशि 2 माह के अंदर अदा करें। न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 24- 4-2024 में तथ्यों को उल्लेखित करते हुए लिखा है कि अभियुक्त यांची करता को गोबध अधिनियम के अंतर्गत कोतवाली मोहम्मदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था और तत्काल बाद उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत स्थानीय पुलिस द्वारा जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर के न्यायालय में नोटिस जारी कर दी गई नोटिस को चुनौती देते हुए याचिकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया जिसे स्वीकृत करते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 15- 6-23 को अपर जिला मजिस्ट्रेट अलीगढ़ के विरुद्ध पारित आदेश को दिशा निर्देश मानते हुए आदेश पारित किया उसे पर अपना तर्क देते हुए रोज़ प्रकट किया और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें कि पारित संदर्भित किसी कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए यदि ऐसा नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है माननीय उच्च न्यायालय ने केवल एक मुकदमे में गोबध अधिनियम को आधार बना कर किसी व्यक्ति पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई नहीं किया जा सकती जब तक कि अभियुक्त पर थाने में कई अन्य मुकदमे लंबित न हो तथा उसके आचार व्यवहार से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या उसके द्वारा समाज को दूषित या गंदगी फैलाने का आरोप लगाया गया हो। वहीं जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में याचिकर्ता के मुकदमे की परवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अजहर अब्बासी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस कड़े निर्देश के बाद अकारण गलत मुकदमों में पुलिस के फसाये जाने पर कुछ अंकुश लगेगा।