गाजीपुर । बाराचवर आर.एस. कॉन्वेंट स्कूल में वार्षिक समर कैंप का आयोजन शनिवार को किया गया, समर कैंप को लेकर छात्र-छात्राओं मे उत्साह का माहौल था। यह कार्यक्रम सीखने, मौज-मस्ती और सौहार्द का एक ऐसा समागम था, जिसका उद्देश्य कक्षा की सीमाओं से परे छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाना था। दिन की शुरुआत सरस्वती पूजा के साथ हुई, जिसने आगे की गतिविधियों के लिए आध्यात्मिक माहौल तैयार किया गया। नर्सरी से लेकर यूकेजी तक के सबसे छोटे छात्रों ने दिन की शुरुआत खुशी भरे गीतों और नृत्यों से की, जिससे हंसी और सीखने से भरा दिन शुरू हुआ। स्मार्ट कक्षाओं में, शैक्षिक फिल्मों ने बौद्धिक उत्तेजना के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान किया, जिसने कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के जिज्ञासु मन को आकर्षित किया। इसके बाद, बच्चों ने ध्यान और योग सत्रों में भाग लिया, जिससे मन की शांति और शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा मिला। छात्रों ने अपने-अपने घरों के अनुसार आयोजित स्कूल-व्यापी सफाई कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा हुई। स्वच्छता और टीम वर्क का यह व्यावहारिक पाठ दिन की गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इसके अलावा, छात्रों ने स्कूल परिसर में हरियाली लगाकर पर्यावरण के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई। शिक्षकों ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में बहुमूल्य ज्ञान दिया, जिससे छात्रों को अपने परिवेश पर सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद मिली। स्मार्ट कक्षाओं में, छोटे छात्रों ने इंटरैक्टिव और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से सीखने की अपनी खोज जारी रखी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि शिक्षा आकर्षक और लाभकारी दोनों बनी रहे। जैसे ही सभी छात्र स्कूल के ऑडिटोरियम में एकत्र हुए, दिन अपने चरम पर पहुंच गया। वरिष्ठ छात्रों ने मंच संभाला, प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं और अपने साथियों को हल्के-फुल्के चुटकुलों के साथ मनोरंजन किया, जिससे समुदाय और अपनेपन की भावना को बढ़ावा मिला। कला और शिल्प गतिविधियों ने दिन का समापन किया, जिससे छात्रों को अपनी रचनात्मकता को उजागर करने और खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का मौका मिला। जैसे ही समर कैंप का समापन हुआ यशवंत सिंह के नेतृत्व में स्कूल प्रबंधन ने सभी बच्चों को फल वितरित किए, जो समर कैंप द्वारा प्रदान किए गए शरीर और मन दोनों के पोषण का प्रतीक थे। समग्र शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उनकी देखभाल में युवा मन पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। जब बच्चे अलग हुए, तो वे अपने साथ न केवल मौज-मस्ती और रोमांच से भरे दिन की यादें लेकर गए, बल्कि सीखे गए अमूल्य सबक और बनी हुई दोस्ती भी साथ ले गए।इस दौरान प्रधानाचार्य अर्जुन राम पाल,कोआर्डिनेटर अरून शर्मा सहित सभी शिक्षक स्टाप मौजूद रहा।