गाजीपुर, गोविंदपुर मठिया में मृत्यु भोज का बहिष्कार करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया टीघूरी देवी पत्नी स्वर्गीय कांशीराम की उम्र लगभग 120 वर्ष की उम्र में अपने जीवन के अंतिम पड़ाव को समाप्त की टिघरी देवी अपने अंतिम समय में भी अपने हाथों से क्रिया कर्म कर लेती थी उनकी इस आत्मविश्वास को देखकर लोग आश्चर्यचकित होते वह कहते कि आज के परिवेश में जहां लोगों का जीवन 60 साल पर सिमट जा रहा है वही टिकरी देवी 120 वर्ष की उम्र में भी अपने हाथों से बेनिया डूला रही थी टीघुरी देवी के बड़े पुत्र दूधनाथ राम ने बताया कि परिवार में उनके इस हौसले से सभी लोग आश्चर्यचकित थे लोगों का कहना था कि उनके जीवन जीने की दिनचर्या सबसे अद्भुत और अलग थी अपने जीवन के अंतिम क्षण में भी मेरी माता जी का मनोबल शीर्ष पर था । श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों ने तथागत गौतम बुद्ध बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर काशीराम टेघरी देवी के चित्र पर पुष्प चढ़कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में समाजसेवी राजकुमार मौर्य नंदलाल भारती नंदू मास्टर साहब मरछु राम ग्राम सभा के सैकड़ो लोग उपस्थित रहे सभी लोगों ने इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए बताए की समाज में फैली कुप्रथा को समाप्त करने के लिए इस प्रकार का आयोजन किया जाना अति आवश्यक है ।