गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के शेरपुर कला गांव स्थित महावीर मन्दिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के दूसरे दिन रविवार को श्री विजय कौशिक जी महाराज ने कथा में श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का जन्म व श्रीराम कथा की गंगा के चार मनोहर घाटो का वर्णन किया। कथावाचक श्री विजय कौशिक जी महाराज ने विस्तार से बताया कि श्री रामकथा के जन्म के बारे में बताया कि श्रद्गा व विश्वास रूपी भाव को जो पहचान जायेगे उस दिन भगवान को प्राप्त कर जायेंगे। श्रद्धा भवानी है तो विश्वास शंकर है ।अपने हृदय में श्रद्धा को जन्म दीजिये।श्रद्धा को प्रगट करिए। अगर श्रद्धा रूपी भाव प्रगट हो जाएगी तो विश्वास रूपी शंकर अपने आप चले आयेगें ।श्रद्गा (भवानी) व विश्वास (शंकर )का मिलन होगा तो रामकथा का जन्म हो जाएगा। आगे बताया कि भगवान श्रीराम शिव के आराध्य देव हैं और उनके नाम के उच्चारण से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उन्होंने त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम को आदर्श मानव का स्वरूप बताया और कहा कि श्रीराम ने मानव जीवन को ऊंचाई पर पहुंचाने में सक्षम प्रमाणिकता प्रस्तुत की है। श्री विजय कौशिक जी महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा सुनने से मन की सारी कुरीतियां जैसे राग, द्वेष, ईर्ष्या और भेदभाव समाप्त हो जाते हैं। कथा के माध्यम से मन को शांति मिलती है और हिंसक भावनाओं पर नियंत्रण होता है पापी भी राम का नाम लेकर सद्गति प्राप्त कर सकता है और जिस पर प्रभु की कृपा होती है, वही कथा में शामिल होता है। उन्होंने श्रीराम कथा को जीवन में उतारने और मन व ध्यान की एकाग्रता से कार्यों में सफलता प्राप्त करने पर जोर दिया। इस अवसर पर चौधरी दिनेश राय , पूर्व प्रधान विद्यासागर गिरी,प्रकाश राय,आनंद राय पहलवान, राजकुमार ठाकुर, गायक कल्पनाथ यादव, मनोज सिंह, आशु राय, जितेश राय विक्की, विनय राय सहित अन्य लोगो ने रामचरित मानस का पूजन अर्चन किया और कथावाचक का सम्मान किया।