आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले पाकिस्तान ने अपने रंग दिखाना शुरु कर दिया है. जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं. इस बीच पाकिस्तान ने 29 और 30 अगस्त को कैमरून में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में 57 मुस्लिम देशों के सामने भारत के खिलाफ जहर उगला है. पाकिस्तान के विदेश सचिव मुहम्मद सायरस सज्जाद काजी ने ओआईसी का कश्मीर मुद्दे पर ध्यान खींचते हुए कहा कि भारत ने 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जिस वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. मुहम्मद काजी ने कश्मीर पर की गई भारत की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के नियमों के खिलाफ है. साथ ही मोहम्मद काजी ने अलगाववादी नेताओं की रिहाई की भी मांग की. इतने पर ही पाकिस्तान का दिल नहीं भरा और मुहम्मद काजी ने ओआईसी से कहा कि भारत अवैध तरीके से जम्मू और कश्मीर पर कब्जा करके अपनी ताकत मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. इससे डर और धमकी का माहौल बन रहा है. इस मुद्दे पर ओआईसी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. ओआईसी ने बैठक में शामिल सभी लोगों के बीच एक घोषणा जारी करते हुए कहा कि यूएनएससी के प्रस्ताव के मुताबिक, जम्मू कश्मीर विवाद के समाधान के पर दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता निर्भर करती है. इससे कुछ दिन पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 अपना काम कर चुका है और पाकिस्तान के साथ बातचीत का समय भी खत्म हो चुका है. इस पर पाकिस्तान की तरफ से बयान आया. उसने कहा, ‘ इस तरह के दावे न केवल भ्रामक हैं, बल्कि खतरनाक रूप से भ्रमित करने वाले हैं, क्योंकि वे जमीनी हकीकतों की साफ तौर पर अनदेखी करते हैं. जम्मू-कश्मीर में भारत की एकतरफा कार्रवाई इस वास्तविकता को नहीं बदल सकती है और न ही बदलेगी.’