गाजीपुर । सनातन धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है। यह त्योहार माता रानी को समर्पित होता है। इन नौ दिनों में लोग दुर्गा मां की पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि में माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। देश के अलग- अलग हिस्सों में शारदीय नवरात्रि को बहुत ही हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाता है। मंदिर से लेकर पूजा पंडाल एवं घरों तक में नवरात्रि की धूम दिखाई देती है। कई लोग इस दौरान अखंड ज्योति भी जलाते है। नवरात्रि में कलश स्थापना को भी बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि पूर्वक उपासना करने से वह भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही घर परिवार में धन-वैभव और सुख समृद्धि आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि का त्योहार आखिर नौ दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है। आचार्य पंडित बबुआ पाण्डेय ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, माता भगवती देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर के साथ पूरे नौ दिनों तक युद्ध किया था। माता ने नवमी की रात्रि को ही असुर का वध किया था। तभी से मां दुर्गा की शक्ति को समर्पित नवरात्रि का पावन व्रत करते हुए माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इन्हें नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। मां दुर्गा के नौ स्वरूप हैं, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री।