क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पूर्वांचल ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, कानपुर को सौंपा ज्ञापन

Sonu sharma

गाजीपुर । क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पूर्वांचल के पदाधिकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) कानपुर पहुंचे और सहायक आयुक्त अजीत सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) द्वारा उन्नाव में बनाए गए स्टेडियम, जिसकी अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपये दिखाई गई है, केवल कागजों में ही सीमित है और इसका वास्तविक निर्माण अब तक नहीं हुआ है। इसी तरह, गाजियाबाद में क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण पर 2 करोड़ 97 लाख रुपये का खर्च दर्शाया गया है, जबकि वहां भी कोई वास्तविक निर्माण कार्य नहीं किया गया।क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की लोढ़ा कमेटी के नियमों के अनुसार 70 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी पदाधिकारी बीसीसीआई या राज्य संघ में पद पर नहीं रह सकता, लेकिन उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में 6 निदेशक – जी.एन. तिवारी, जावेद अख्तर, श्याम बाबू, ताहिर हसन, प्रदीप गुप्ता – 70 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद अब तक अपने पदों पर बने हुए हैं।इसके अलावा, क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी पदाधिकारी 9 वर्षों से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकता, लेकिन यूपीसीए में कई पदाधिकारी पिछले 15-20 वर्षों से कार्यरत हैं, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, लेकिन इनमें से केवल 41 जिलों को मान्यता दी गई है, जबकि 34 जिलों को अब तक मान्यता नहीं दी गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की अंडर-14, 16, 19, 23 और रणजी ट्रॉफी टीमों में चयन के लिए 15-20 लाख रुपये तक की रिश्वत ली जा रही है। रिश्वतखोरी के चलते दिल्ली और हरियाणा के खिलाड़ियों को यूपी टीम में जगह दी जा रही है। वर्तमान में बिहार के खिलाफ खेल रही यूपी रणजी टीम में 5 खिलाड़ी अन्य राज्यों के हैं, जिससे प्रदेश के खिलाड़ियों के अधिकारों का हनन हो रहा है।क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। यूपीसीए के चयनकर्ता, कोच, मैनेजर और अन्य पदाधिकारी वर्षों से खिलाड़ियों के साथ क्रूरता भरा व्यवहार कर रहे हैं, जो स्वतंत्र भारत में निंदनीय घटना है।रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, कानपुर के सहायक आयुक्त अजीत सिंह ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराया जाएगा। वहीं, क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने चेतावनी दी कि यदि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, यूपीसीए को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने में आनाकानी करता है, तो क्रिकेट प्लेयर ।

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