अलविदा माहे रमज़ान,अकीदत से अदा हुईं नमाज़

Sonu sharma

गाजीपुर । शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जुम्मे की नमाज़ अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी वही पुलिस उच्चाधिकारियों से लेकर सर्किल अफसर व थानाध्यक्ष गस्त करते रहे। सदर सहित सभी तहसील क्षेत्रों में जुम्मे की नमाज़ अदा की गई। नमाज़ को लेकर डीएम एसपी ने जहाँ नगर क्षेत्र में रुट मार्च किया गया वही । मौलाना सरफराज साहब ने बताया कि माहे रमज़ान के आखिरी जुम्मे को को अलविदा इस लिए कहा जाता है। इसका मतलब( जुदा होना) रमजान के महीने रमज़ान के महीने में अल्लाहताला अपने बंदों की हर दुआ को कबूल फरमाता है । इस महीने मांगी गई हर नेक दुआ कबूल होती है।इस महीने अल्लाह अपने बंदों की खता को माफ़ कर उसके लिए नेकी के दरवाजे खोल देता है।यह महीना हर इंसान से मुहब्बत से मिलने का होता है। अल्लाह ने हमें दुनियाबी के साथ ही अपने इबादत के लिए भी हुक्म दिया है। इस महीने में हर इंसान इबादत के साथ ही अपने गुनाहों से भी तौबा करता है। इस माह में इबादत के दौरान मांगी गई दुआ कबूल तो करता हीं है साथ ही नेक राह पर चलते हुए नेकी करने की भी हिदायत दी गई है। इंसान अपनी हर खताओं को भूल कर अल्लाह के बनाएं रास्ते पर चलते हुए अपनी गुनाहों से तौबा करता है।

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