ईश्वर का स्मरण जीव के परम कल्याण का रास्ता प्रशस्त करता है : अघोरी संत चंद्रशेखर जी

Sonu sharma

गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के शेरपुर पंचायत में चल रही श्री रुद्र महायज्ञ के दौरान कामाख्या देवी पीठ से पधारे संत चंद्रशेखर अघोरी जी महाराज ने कहा कि भगवान कहते हैं कि जो मेरी शरण आ जाता है वह माया से मुक्त हो जाता है। भगवान के शरण जाने वाला व्यक्ति इतना महान हो जाता है ।ऐसा शाश्वत आनन्द प्राप्त कर लेता है कि फिर उसको नश्वर पदार्थों की आसक्तियों के शरण होने का दुर्भाग्य नहीं मिलता है।ईश्वर के शरण होने से ईश्वर हमें पराधीन नहीं बना रहे हैं। ईश्वर हमें ईश्वर बना रहे हैं। ईश्वर हमें अपनी महिमा में जगा रहे हैं। ईश्वर का स्मरण बड़ा हितावह है। स्मृति एक ऐसी चीज है, स्मरण एक ऐसा अदभुत खजाना है कि वह परम कल्याण के द्वार खोल देता है। नदी बह रही है सागर की ओर। उसमें से नहर निकालो तो उसके द्वारा नदी का पानी जहाँ चाहो वहाँ ले जा सकते हो। ऐसे ही अन्तःकरण से अनन्त-अनन्त वृत्तियाँ उठ रही हैं। इन वृत्तियोंरूपी सरिताओं में बहकर हम संसाररूपी सागर में गिर रहे हैं। ईश्वर का स्मरण करने का मतलब यह है कि हमने ईश्वर की ओर वृत्तिरूपी जल को ले जाने के लिए एक नहर खोल ली। एक आयोजन कर लिया कि नदी का पानी खारे सागर में न जाय बल्कि खेतों में जाय। ऐसे ही वृत्तियाँ जन्म-मरण के संसार-सागर में नष्ट न हो, जीवन बरबाद न हो और आत्मज्ञान के उद्यान में उसका ठीक उपयोग हो। ईश्वर-स्मरण का मतलब है कि हमारा मन इधर-उधर की कल्पनाओं में न जाय, संसार की वासनाओं में न जाय, अनेक प्रकार के ख्यालों में हमारा मन न बिखरे, भिन्न-भिन्न प्रकार की आवश्यकताओं में न उलझे। लेकिन हमारा मन जहाँ से प्रकट हुआ है उसी परमात्मा में पहुँचे।इस मौके पर परम संत ज्ञानानंद जी महराज,योगी बिजेंद्र नाथ जी,मुकेश शास्त्री जी, अक्षयानंन्द जी,लल्लन राय, शंकरदयाल राय, जि०पं०प़० रबींद्र राय, पकालू राय, डा० रमेश राय, शंकरदयाल राय, आनंन्द पहलवान, गनेश राय, अमरनाथ राय,धनंजय राय, रामप्रवेश राय ,कृष्णानंद उपाध्याय, डब्बू राय, मिथिलेश राय मुन्ना, अवधेश राय,विनित राय, मयंक राय, आदित्य राय,आकाश सहित काफी संख्या में क्षेत्रवासी श्रद्धालु शामिल रहे।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version