भगवान शिव ही इस सृष्टि के मूल है : परम तपस्वी ज्ञानानंद महराज

Sonu sharma

गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के शेरपुर पंचायत में चल रही श्री रुद्र महायज्ञ के दौरान श्री शिव शक्ति सनातन धर्म टेस्ट केदारनाथ हिमालय से पधारे परम तपस्वी बाल ब्रह्मचारी संत ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि सत्संग में शिव और जीव का महत्व इसलिए है क्योंकि वे दोनों एक ही हैं, और शिव ही इस सृष्टि का मूल है। सत्संग में शिव को जानने और अनुभव करने से, जीव को अपनी वास्तविक पहचान को समझने और परमात्मा से जुड़ने में मदद मिलती है। इसलिए, सत्संग में शिव और जीव के संबंध को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि शिव ही सत्य है वही सत्यता का बोध कराते हैं। उन्हें समझने के लिए सबसे पहले खुद को समझना पड़ता है। जहां हम खुद को समझ लिए, वहीं हमें इस परमपिता परमेश्वर का दीदार करने का मौका मिल जायेगा। उन्होंने उपस्थित कथा प्रेमियों को शिव महिमा बतायीं। जिसमें कहा कि देवाधिदेव महादेव का चरित्र ही सफलता का महा अनंत उदाहरण है। यह एक ऐसे देवता हैं जिनकी उपासना देव, दानव, नर, गंधर्व सभी करते हैं। बाबा अपने भक्तों की हर पुकार को सुनते हैं और उसकी श्रद्धा के अनुसार शीघ्र फल भी देते हैं।इस मौके पर योगी बिजेंद्र नाथ जी, संत चंन्द़शेखर अघोरी जी, मुकेश शास्त्री, अक्षयानंन्द जी,लल्लन राय, जि०पं०प़० रबींद्र राय, पकालू राय, डा० रमेश राय, शंकरदयाल राय, आनंन्द पहलवान, गनेश राय, अमरनाथ राय,धनंजय राय, कृष्णानंद उपाध्याय, डब्बू राय, विनित राय सहित काफी संख्या में क्षेत्रवासी श्रद्धालु शामिल रहे।

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