गाजीपुर । सरकारी भूमि से भू-माफियाओं से मुक्त कराने के उच्च न्यायालय एवं शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद अवैध कब्जेदारों पर कार्रवाई में हीलाहवाली से उनके हौंसले बुलंद हैं। ताजा तरीन मामला भांवरकोल क्षेत्र पंचायत के जसदेवपुर गांव का है। जहां ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सभा की बंजर भूमि पर पक्का मकान का निर्माण करवा लिया है । इस मामले न्यायिक तहसीलदार द्वारा सुनवाई करते हुए गत 15 अप्रैल को स्पष्ट आदेश दिया है कि ग्राम प्रधान मुन्ना यादव द्वारा अराजी सख्या 156 रकबा 0.050 हेक्टेयर पंचायत की बंजर भूमि को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए साथ ही गांव सभा को हुए नुकसान की भरपाई 2500 रूपये की राशि के रूप में भू- राजस्व की भांति वसूला जाए। इस मामले मामले में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि पंचायत की सुरक्षित बंजर जमीन को खुद वर्तमान गांव प़धान मुन्ना यादव द्वारा कब्ज़ा किया गया है। ऐसे में जब जनप्रतिनिधि ही नियम एवं कानूनों की धज्जियां उड़ाएंगे ऐसे में गांवों के विकास की कल्पना स्वतः की जा सकती है। जब एक जनसेवक ही अपने पद एवं अधिकारों के दुरूपयोग कर खुद ही भक्षक बन बैठा हो ऐसे जनप्रतिनिधियों से विकास की बात पुरी तरह बेमानी ही लगती है।ज्ञात हो कि इस मामले में इसी ग्राम सभा के निवासी अजय राय आदि ने पूर्व में जिले के उच्चाधिकारियों से गांव की सुरक्षित भूमि से अवैध कब्जे हटवाने की गुहार लगाई थी। लेकिन इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण हटाने की महज खानापूर्ति कर भर की। प़शासन की हीलाहवाली से क्षुब्ध ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में अवैध कब्जे को हटवाने के लिए जनहित याचिका दाखिल की थी। उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्थानीय तहसीलदार को अवैध अतिक्रमण का मामला निस्तारण का आदेश दिया था। इसी क्रम में तहसीलदार न्यायिक ने सुनवाई करते हुए गा़म प़धान द्वारा अवैध कब्जा हटाने का आदेश पारित किया है। बहरहाल इस प़शासन इस गंम्भीर मामले में क्या कार्यवाही करता है यह देखने की बात है।
