इसी जुमले को हथियार बनाकर मंत्री का फर्जी बेटा बनकर विनय चौहान नामक नटवरलाल गिरफ्तार

Sonu sharma

गाजीपुर । पुलिस ने दुल्लहपुर थाना क्षेत्र से एक नटवरलाल को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार युवक फोन करके अपने को मंत्री दारा सिंह चौहान का बेटा विनय सिंह चौहान बनकर अधिकारियों पर दबाव बनाता था। खुद को कभी विनय सिंह, तो कभी अतुल चौहान बताकर, मंत्री दारा सिंह चौहान का फर्जी पुत्र बनकर वह शासन प्रशासन के गलियारों में धौंस जमाता रहा। इसी क्रम में उसने एक अंतिम गलती तब कर दी जब उसने सुपर कॉप के नाम से मशहूर गाजीपुर के एसपी डॉ इरज राजा को फोन करके किसी की पैरवी के लिए मंत्री का बेटा बनकर फोन कर दिया। एसपी गाजीपुर ने उसकी कॉल ट्रेस कराई तो उन्हें उसपर शक हुआ और उसकी पूरी कुंडली खंगाल दी, तो उसकी लोकेशन गाजीपुर के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र की मिली और इसके बाद दुल्लहपुर पुलिस ने उसे खोजकर तत्काल हिरासत में ले लिया और उसकी दबंगई की दुकान बंद कर दी।बता दें कि ग्राम दुल्लहपुर की सावित्री देवी की शिकायत पर थाना दुल्लहपुर में अपराध संख्या 107/25 धारा 308(7), 351(3) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। बुधवार को थानाध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह व उप निरीक्षक संजय कुमार सिंह की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से विनय चौहान को दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन के निकट मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया।इस मामले में एसपी गाजीपुर डॉक्टर इरज राजा ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्त ने कबूल किया कि वह वर्षों से लोगों पर रौब जमाने के लिए खुद को मंत्री का बेटा बताता था। समस्याओं को लेकर पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाकर वह लोगों से मोटी कमाई करता था। बातचीत की रिकॉर्डिंग एडिट कर सोशल मीडिया पर डालता था ताकि खुद को रसूखदार दिखा सके, साथ ही वो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जी के साथ उसने एडिटेड फोटो अपने फेसबुक पर लगा रखी है, उसकी मंशा थी जिला पंचायत चुनाव लड़ने की और इसी बहाने वह खुद को “स्थानीय नेता” के रूप में स्थापित करने की फिराक में था। गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ एक और मुकदमा मु.अ.सं. 106/25 धारा 319(2), 318(4) बीएनएस व 72 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। बता दें कि असलियत में वो एक मामूली ठग है, दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के देवरीबारी गांव निवासी विनय चौहान, खुद को कभी विनय सिंह चौहान, तो कभी अतुल चौहान बताकर, मंत्री दारा सिंह चौहान का फर्जी पुत्र बन बैठा था। अधिकारी, कर्मचारी, आम जनता — सबको मोबाइल कॉल पर रुआब गांठ कर अपना उल्लू सीधा करता रहा। बातों की रिकॉर्डिंग एडिट कर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करता है, ताकि लोग उसे वीआईपी समझें।

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