गाजीपुर । जिला एवं सत्र न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट ने आज बुधवार 20 दिसंबर को त्वरित न्याय की एक मिसाल पेश करते हुए मासूम नाबालिक के साथ हैवानियत करने वाले एक अधेड़ दरिंदे अशोक सिंह उर्फ बिल्ला को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुना दी है, इसकी पुष्टि विशेष अभियोजक पॉक्सो कोर्ट रविकांत पांडे ने मीडिया से खुद की है, उन्होंने बताया है कि यह मामला गाजीपुर के करंडा थाने का 24 जुलाई 2024 का है, जब 3 साल की पीड़ित मासूम नाबालिक बच्ची अपने दादा के साथ घर के बाहर खेल रही थी तो गांव का ही अशोक कुमार सिंह बिल्ला जो उम्र से अधेड़ है वह बच्ची को बहला फुसलाकर घर से दूर बांसवाड़ में ले गया और उसके साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया और उसके बाद यह भाग गया। मासूम लड़की मूर्छित अवस्था में घर वालों को मिली तीन दिन तक उसका वाराणसी अस्पताल में इलाज हुआ और वह दर्द से तड़पती रही। पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया और इसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में चालान हुआ और चार महीने में इसके खिलाफ ट्रायल हुआ इसे साक्ष्य सबूतों के आधार पर दोषी पाया गया। उल्लेखनीय है कि आरोपी अशोक सिंह उर्फ बिल्ला और पीड़ित मासूम बच्ची का डीएनए भी मैच कर गया और इसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में सीआरपीसी की जगह बीएनएस की धाराएं लागू हुई है, और उसके बाद 24 जुलाई को यह केस बीएनएस की नई अपराधिक धाराओं में दर्ज हुआ था और गाजीपुर की पॉक्सो कोर्ट ने बीएनएस की नई धाराओं में त्वरित न्याय करते हुए यह पहली सजा आजीवन कारावास की सुनाई है, जिसकी चर्चा खूब हो रही है।