अपने कर्मों से अमर होते हैं महापुरुष – कुलपति नेगी

Sonu sharma

गाज़ीपुर । शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं होता। शिक्षा के बल पर ही मानव आदिमानव से चंद्रमा तक की यात्रा पूरी करने में सक्षम हुआ है‌। शिक्षा की महत्ता को समझते हुए ही बाबू भगवान सिंह ने इस सुदूर ग्रामीणांचल में विद्यालय की स्थापना कर जो कार्य किया उससे वे अमर हो गये।उक्त उद्गार केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान वाराणसी के कुलपति प्रो. वांगचुक दोरजी नेगी ने पीजी कॉलेज मलिकपूरा में कर्मभूमि पत्रिका के विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षक को अपने दायित्व का निर्वहन समर्पण के साथ करने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा के लिए चिंतित होते हैं जबकि शिक्षक अपने पूरे शिष्यों समाज के शैक्षणिक उत्थान के लिए समर्पित रहता है।कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया‌। महाविद्यालय परिवार द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।विशिष्ठ अतिथि प्रो. हरिकेश सिंह पूर्व कुलपति जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय छपरा बिहार ने कहा कि यह पत्रिका व्यवसायिक न होकर संग्रहणीय बनायी गयी है। ग्रामीणांचल
में स्थापित यह विद्या मन्दिर निरन्तर विकास के मार्ग पर बढ़े, यही मेरी शुभकामना है। प्राचार्य प्रो दिवाकर सिंह की प्रेरणा से कर्मभूमि में संपादक मंडल ने इस पत्रिका को मूर्त रुप दिया है। निःसंदेह यह छात्र छात्राओं के लिए संग्रहणीय होगी और उनके शैक्षणिक जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।विशिष्ठ अतिथि डा. हरेंद्र राय सदस्य उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज ने कहा कि पत्रिका विद्यालय का आइना होती है। इससे विद्यालय के समस्त क्रिया कलापों की जानकारी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि नौकरी पा जाने से शिक्षक सफल तो हो जाता है लेकिन उसका जीवन सार्थक तब होता है जब उसके शिष्य प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हैं।विशिष्ठ अतिथि डॉ ए.के. राय राष्ट्रीय सलाहकार जर्नलिस्ट कॉन्सिल ऑफ इंडिया ने कहा कि यह पत्रिका अत्यन्त लाभकारी हैं। इसमें विभिन्न विषयों पर विशिष्ठ साहित्यिकारों, अग्रणी लेखकों तथा अपनी विधा के वरिष्ठ लोगों के लेख व विचार समाहित हैं जो छात्र छात्राओं को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल की चर्चा करते हुए विद्यालय की प्रगति को अपने सभी सहयोगियों का सम्मिलित प्रयास बताते हुए उनके सहयोग की चर्चा की। उन्होंने सभी आगत अतिथियों, सहयोगियों , एनसीसी कैडेट्स व छात्र-छात्राओं के सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।उक्त अवसर पर स्वामी सहजानंद पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.वी.के.राय एवं श्री महंत रामाश्रय दास पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. बृजेश जायसवाल , पी.जी.कॉलेज गाज़ीपुर के डॉ.बद्रीनाथ सिंह, डॉ.सतेंद्र सिंह स्वामी सहजानंद पीजी कॉलेज के डॉ.राकेश पाण्डेय ,राजकीय महिला महाविद्यालय के डॉ. शिवकुमार व मलिकपूरा कालेज के डा. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. प्रिंस कसौधन, डा अभिषेक कुमार, डा जयप्रकाश सिंह,डा अजय चौहान, डा चन्दन यादव, डॉ. वासुदेवन् मणि त्रिपाठी,
डॉ. सुघर सिंह राजपूत,डॉ. प्रवेश कुमार जयसवाल, डॉ. अंजली यादव, डॉ. कुंजलता, डॉ.पूजा साहू, डॉ. शिव प्रताप यादव, डॉ.निसार अहमद, डॉ चंदन कुमार, डॉ. शमशुल कमर, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, रोहित कुमार, प्रवीण सिंह,आशीष सिंह, श्रीमती सुमन सिंह सहित महाविद्यालय परिवार के साथ ही छात्र छात्राएं एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. सर्वेश पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो.दिवाकर सिंह ने किया।

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