गाजीपुर । एडीजे प्रथम की अदालत ने आज दिवंगत मुख्तार अंसारी के साले अनवर सहजाद की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है।मामला फर्जी कंपनी बनाकर करोडोंके फर्जी भुगतान का है।आज अनवर सहजाद समेत कुल 5 अभियुक्तों की जमानत कोर्ट ने खारिज की है।एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने मामले की पुष्टि की है।दरअसल 2016 के 2020 के बीच विकास कंस्ट्रक्शन नाम की कम्पनी को राज्य भंडारण निगम की ओर से 5 करोड़ 79 लाख 36 हजार का भुगतान किया था।राज्य भंडारण निगम की निविदा 2008 में भारतीय खाद्य निगम की ओर से किया गया था।मुख्तार अंसारी के प्रभाव का प्रयोग कर उस समय केवल विकास कंस्ट्रक्शन को की ही निविदा भारतीय खाद्य निगम के पास डाली गयी और विकास कंस्ट्रक्शन को इसका ठेका मिल गया।विकास कंस्ट्रक्शन फर्म को मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों ने बनाया था और इसी फर्म के नाम से करोड़ों का भुगतान लिया गया।बाद में एसटीएफ ने इस गोदाम की जांच की थी और जांच में ये तथ्य सामने आये थे कि इस फर्म को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया था और निविदा हासिल की गयी थी।जिस भूमि पर गोदाम बनाया गया था उसकी रजिस्ट्री भी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर करायी गयी थी जबकि जमीन असंक्रमणीय थी।एसटीएफ की जांच में सामने आया कि इस फर्जी फर्म के नाम पर 2 करोड़ 32 लाख 40 हजार की सब्सिडी भी सरकार से ली गयी थी।मामले में विकास कंस्ट्रक्शन के साझेदारों आतिफ रजा, अफसार अंसारी, अनवर सहजाद,रविन्द्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन के विरुद्ध 2021 में नन्दगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया जिसकी सुनवाई एडीजे कोर्ट में चल रही थी।आज एडीजे की अदालत ने धारा आईपीसी की धारा 386,120 बी के तहत सभी पांच अभियुक्तों की जमानत खारिज कर दी और अब सभी को जेल भेजा जायेगा।