ऐतिहासिक विशाल धम्म चारिका पद यात्रा पहुंची,कठवां मोड़ 

Sonu sharma

गाजीपुर । समय में बुद्ध का संदेश मानव जीवन के लिए पूरे दुनिया में प्रासंगिक है । बुद्ध के संदेश को दुनिया के पटल से हटा कर मानव जीवन के कल्याणकारी मार्ग की कल्पना भी नहीं की जा सकती उक्त बातें धम्म चारिका पद यात्रा के आयोजक भंते चंद्रमा थेरो ने वृहस्पतिवार को बौद्ध विहार बुद्ध नगर कठवा मोड़ पर उपासकों को संबोधित करते हुए कहा
भंते चन्द्रमा ने आगे कहा कि आज के परिवेश में लोगों के उच्च जीवन स्तर के बुद्ध के बताए पंचशील के रास्ते पर चलने से होगा ।ज्ञात हो कि ऐतिहासिक विशाल धम्म चारिका पद यात्रा सारनाथ से कुशीनगर तक का कार्यक्रम 16 नवंबर से 8 दिसम्बर तक चल रहा है जो 21 नवंबर दिन वृहस्पतिवार को 11 बजे धम्म चारिका पद यात्र बौद्ध विहार बुद्ध नगर कठवा मोड़ पर पहुंची जिसका स्वागत श्रोता पन भंते बुद्धशरण ने सैकड़ों उपासकों के साथ किया कार्यक्रम आयोजक संस्थापक संजय सिंह कुशवाहा ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप सहित पूरे वैश्विक संदर्भ में देखें तो समकालीन दुनिया का परिदृश्य निरंतर भयावह होता जा रहा है और हमारा देश भी एक वैचारिक सांस्कृतिक धार्मिक संकट से गुजर रहा है हमारे भारतीय समाज के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है धार्मिक साम्प्रदायिक कट्टरता, असहिष्णुता, महजबी संकीर्णता, अंधविश्वास, मॉब लिंचिंग, अन्य धार्मिक स्थलों एवं उनके अनुयायियों के प्रति क्रूर एवं अलगाववादी नजरिया रखना आदि आदि। इन सभी चुनौतियों के साथ राजनीतिक नेतृत्व भी कट्टरपंथी दक्षिणपंथी अनुदारवादी सांप्रदायिक सोच के साथ कदमताल मिलाता दिख रहा है ऐसे कठिन कष्टकारी आशंकाओं से भरी नफरती वातावरण हम सब को एक आशा की किरण दिखाती है ये परमपवित्र धम्म यात्रा । विनयपिटक के महावग्ग सुत्त में भगवान की सार्वभौमिक घोषणा संपूर्ण जगत के सभी प्राणी मात्र के कल्याण एवं मंगल के लिए की गयी है । भगवान बुद्ध ने अपने सभी भिक्खुओं को संदेश दिया कि
                           चरथ भिक्खवे चारिकं
                         बहुजन हिताय बहुजन सुखाय  

                           लोकानुकंपाय अत्थाय हिताय
                               सुखाय देव मनुस्सानं
अर्थात भिक्खुओं। बहुजन हित के लिए बहुजन सुख के लिए लोगों को सुख पहुंचाने के लगातार अनवरत चारिका करते रहे भ्रमणशील रहे हर घर पर हर द्वार पर हर मनुष्य के पास जाकर दस्तक दो उसके अंतस्थल अंतःकरण को सजग करो धम्म चारिका हमें सृजनशील सहनशील, सहिष्णु, सजग, सहज, सरल, समवाय और एक समान बनाने का मार्ग प्रशस्त करती है ये परमपुनीत धम्म यात्रा हमारे हृदय में हमारे दिमाग़ में करूणा मैत्री न्याय समता स्वतंत्रता की भावनाओं को गहरे से आप्लावित करती है और तमाम सांस्कृतिक धार्मिक संकट की ओर से आ रही चुनौतियों से लडने की ऊर्जा और उत्साह देती हैये धम्म यात्रा जो सदियों का इतिहास समेटे हुए है जिसमें अनगिनत बौद्ध भिक्खुओं ने पूरे विश्व में बुद्ध के महान ऐश्वर्यशाली मंगलकारी शुभकारी धम्म और संघ को फैलाया और सभी प्राणी मात्र में करूणा मैत्री न्याय समता की समता की भावना से सराबोर कर दिया । कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि को आयोजक ने परिवार सहित चीवर दान किया । कार्यक्रम में मुख रूप से दिना नाथ कुशवाहा , दिनेश कुमार , संजय सिद्धार्थ, रामश्रय , इंद्रासन ,राजेश , गुलाब राम , अनील चौधरी, मनोज , अरविंद , पिंटू पांडे, प्रमोद कुशवाहा, अखिल शर्मा, महेंद्र राम, महेंद्र यादव , रामकृत यादव ,सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे ।कार्यक्रम का संचालन श्रोता पन भंते बुद्धशरण एवं अध्यक्षता बालेश्वर सिंह कुशवाहा ने किया ।

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