गाजीपुर: खेलकूद प्रतियोगिता में चंदा वसूली के आरोपों पर बीएसए की सख्त कार्रवाई

avinash yadav

खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर चंदा वसूली के आरोपों पर बीएसए ने लिया कड़ा एक्शन

गाजीपुर। गाजीपुर जिले में हाल ही में खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर शिक्षकों से चंदा वसूली के आरोपों को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ था। आरोपों के बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) हेमंत राव ने कड़ा रूख अपनाते हुए इस मामले में स्पष्टता प्रदान की है। उन्होंने अपने कार्यालय से एक पत्र जारी कर इन आरोपों पर विराम लगा दिया और पुष्टि किया कि कोई भी शिक्षक से चंदा वसूली नहीं की जा रही है।
बीएसए हेमंत राव ने बताया कि गाजीपुर जिले में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष शासनादेश के तहत किया जाता है। यह आयोजन चरणबद्ध तरीके से होता है, जिसमें पहले संकुल स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इसके बाद, विभिन्न संकुलों से चयनित छात्र-छात्राओं को ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेना होता है। ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को जिला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलता है। जिला स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को मंडल और प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में भागीदारी का अवसर प्राप्त होता है।
इस प्रतियोगिता में कबड्डी, खो-खो, दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, पीटी व्यायाम जैसे खेलों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
हालांकि, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर यह खबरें फैलने लगी थीं कि बीएसए कार्यालय के निर्देश पर शिक्षकों से चंदा वसूला जा रहा है। इन आरोपों के चलते माहौल गरम हो गया था, और सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगी थीं। इन खबरों ने कई शिक्षकों के बीच असमंजस और चिंता का माहौल बना दिया था।
इन आरोपों को लेकर बीएसए ने तुरंत संज्ञान लिया और अपने आधिकारिक पत्र के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन में कोई चंदा वसूली नहीं हो रही है।

इसके साथ ही नाम न छापने की शर्त पर एक विभागीय अधिकारी ने कहा कि अगर किसी ने बिना किसी उचित कारण के चंदा दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे मामले में बीएसए द्वारा जारी पत्र और विभागीय अधिकारी के बयान ने साफ कर दिया कि खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन पूरी तरह से सरकारी दिशा-निर्देशों और नियमों के तहत हो रहा है। किसी भी शिक्षक से चंदा वसूली नहीं की जा रही है, और यह आयोजन छात्रों के समग्र विकास के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इस प्रकार, बीएसए के कड़े कदमों ने इन अफवाहों पर विराम लगाया है और स्थिति को स्पष्ट कर दिया है, जिससे शिक्षकों और विद्यार्थियों को मानसिक शांति मिल रही है।

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