चट्टान की तरह दृढ़ थे शास्त्री जी – अरूण कुमार श्रीवास्तव

Sonu sharma

गाजीपुर । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर शास्त्री नगर स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण एवं दीपदान कार्यक्रम के साथ साथ विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा स्थल पर दीप जलाया और फिर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर सार्वजनिक जीवन मे नैतिकता और ईमानदारी का पालन करने का संकल्प लिया।माल्यार्पण एवं दीपदान करने के पश्चात पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ आर एस लाल के आवास पर आयोजित विचार गोष्ठी मे महासभा के संरक्षक प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए शास्त्री जी को देश का महान नेता बताया । उन्होंने कहा कि आज देश को शास्त्री जी जैसे शासक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनमें देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी । उन्होंने अपना पूरा जीवन सरलता और सादगी से बिताया । उनका 18महीने का प्रधानमंत्रित्व काल गीता के 18अध्यायों की तरह पूरी तरह से पाक साफ था । सरकार के तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावजूद उनके दामन पर कोई दाग नहीं था । वह अत्यन्त साहसी और बहादुर नेता थे । उन्होंने ही जय जवान जय किसान का नारा दिया था । उन्होंने गांधी जी के आह्वान पर बहुत ही कम उम्र में देश के स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शास्त्री जी बाहर से तो काफी उदार और विनम्र थे लेकिन अंदर से चट्टान की तरह दृढ़ थे । रेल मंत्री होने के दौरान एक रेल दुर्घटना होने पर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था । उनका त्याग पत्र स्वीकार करते हुए नेहरू जी ने कहा था कि उनका इस्तीफा मैं इसलिए नहीं स्वीकार कर रहा हूं कि वह इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है बल्कि मैंने इनका इस्तीफा इसलिए मंजूर किया कि इनका यह कदम देश की सियासत में काम करने वालों के लिए एक नजीर होगा और हम सबको संवैधानिक मर्यादा का पालन करने की प्रेरणा देगा । लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है । हम सबको उनके जीवन से सबक लेकर सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और ईमानदारी का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए और यही हम सबकी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रेम कुमार श्रीवास्तव ,पियूष श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव,शैल श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव,प्रदीप श्रीवास्तव उर्फ राजन, राजेश कुमार श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, आदि उपस्थित थे । इस गोष्ठी की अध्यक्षता महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया ।

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