डाला छठ : ब़ती महिलाओं ने उदीयमान भगवान भास्कर को अग्घऀ देकर पवऀ का किया समापन

Sonu sharma

गाजीपुर । सूर्योपासना एवं लोक- आस्था का महापर्व डाला छठ पर चार दिवसीय व्रत का महिलाओं ने उदीयमान भगवान भास्कर को बिधी विधान से अर्चन पूजन कर अर्घ्य देकर डाला छठ का दूसरा सोपान पुर्ण किया। ब़ती महिलाओं ने अग्घऀ के बाद अन्न एवं जल ग्रहण कर महापर्व डाला छठ का समापन किया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी सूर्य एवं सप्तमी तिथि को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने से परिवार में सुख-शांति एवं स्मृद्धि के साथ सभी मनोकामनाएं पुरी होती है। जैसा विदित है कि भगवान भास्कर धरती के साक्षात देवता है। छठ गीतों से पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजीं ब़ती महिलाओं एवं युवतियां घर से घाट तक जाने वाली सड़कों पर जगमग रंग बिरंगी रोशनी के बीच परम्परागत गीतों – कबले निहारी तोहर बाट हो सूरूज गोसाईं, अइली छठ मैया के घाट, उग हो सूरज मल, अब भईले अरघ के जुन आदि छठ के परम्परागत गीत गाते हुए माथे पर दौरा रख गंगा घाटों तथा सरोवरों पर पहुंचकर शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही ब़ती महिलाओं ने संन्तान के दिघाऀयु की कामना एवं परिवार के सुख- स्मृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य एवं शौभाग्य की कामना की। क्षेत्र के बिभिन्न गंगा घाटों एवं सरोवरों पर नदियों के जल के बीच ब़ती महिलाओं की आस्था हिलोरें ले रही थी। नदियों एवं सरोवरों में कमर तक पानी में खड़ी महिलाएं भगवान भास्कर के उगने का इंतजार किया। उदय होते ही अघऀ दिया। पूरी आस्था एवं पवित्रता का एहसास कराने वाले लोकआस्था के इस महापवऀ पर मानों सैलाब सा उमड़ पड़ा था। वहीं सुरक्षा के लिए से क्षेत्र के बिभिन्न गंगा घाटों शेरपुर, वीरपुर सेमरा, पलिया, लोहारपुर एवं अन्य गांवों के घाटों पर मेले जैसा दृश्य उपस्थित हो गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। पुलिस बल के अलावा घाटों पर नावों के साथ तैराकों एवं गोताखोरों की तैनाती की गई थी। डाला छठ पर भांवरकोल की ब्लाक प्रमुख श्रद्धा राय, शेरपुर की गा़म प़धान अंजली राय, पूर्व ब्लाक प्रमुख सरिता राय सहित पूरे क्षेत्र की महिलाओं ने अघऀ देकर भगवान भास्कर की विधि विधान से पूजन अर्चन किया। इस मौके पर तहसीलदार रामजी राम, थानाध्यक्ष विवेक कुमार तिवारी सदल- बल विभिन्न गंगा घाटों एवं गांवों में बने सार्वजनिक पोखरों तथा सरोवरों का चक़मण करते दिखे।

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