योगी सरकार की बड़ी पहल: UP रोडवेज में भर्ती के लिए UPPSC और UPSSSC को मिली जिम्मेदारी

avinash yadav

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के समूह ख और समूह ग के पदों की भर्ती अन्य विभागों की तरह अब चयन आयोग के जरिए की जाएंगी। समूह ख के खाली पदों पर भर्ती प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए की जाएंगी

वहीं समूह ग की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा। राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से परिवहन निगम से जुड़े तीन अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही योगी सरकार ने कुल 13 प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब आयोग से भर्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एल. वेंकटेश्वर लू ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में पिछली बार आईआईएम लखनऊ के जरिए भर्तियां की गईं थीं। लेकिन अब समूह ख के पदों पर यूपीएपीएससी और समूह ग के खाली पदों पर यूपीएसएसएससी से भर्ती की जाएंगी।

पदों के नाम और योग्यता में बदलाव को मिली मंजूरी:

रोडवेज निगम में समूह क के 61, समूह ख के 187 और समूह ग के 19143 पद हैं। समूह ख के पदों पर अभी तक यूपीएसएसएससी के जरिए भर्ती की जाती थी। इसमें सहायक प्रबंधक, सहायक प्रबंधक (कॉमर्स), सहायक प्रबंधक (प्राविधिक) आदि पद हैं। भविष्य में खाली होने वाले पदों की भर्ती अब यूपीपीएससी के जरिए की जाएंगी। इसी तरह समूह ग के पदों पर अभी तक निगम के चयन बोर्ड की ओर से किया जाता था। लेकिन अब स्टेशन प्रभारी, मैकेनिक, ड्राइवर, कंडक्टर आदि पदों पर भर्ती प्रक्रिया यूपीएसएसएससी के जरिए की जाएंगी। ऐसे में इन पदों की शैक्षिक योग्यता में बदलाव किया गया है। सूत्रों के मुताबिक तकनीकी पदों में आईटीआई से लेकर बीटेक तक की योग्यता जोड़ी जा सकती है।

वहीं प्रबंधन (मैनेजमेंट) से जुड़े पदों में न्यूनतम स्नातक तक की योग्यता रखी जाएगी। शैक्षिक योग्यता के साथ ही आयुसीमा और पदनाम भी बदला जा सकता है। कैबिनेट की बैठक में इस बदलाव के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा कैबिनेट और ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन पेयजल के लिए फ्री में जमीन मुहैया कराने का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ऐसा संज्ञान में आया कि ग्राम पंचायतें और राजस्व विभाग के स्तर से जमीन मुहैया कराने में तकनीकी और प्रशासनिक दिक्कतें आ रहीं हैं। लिहाजा इस समस्या को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब फ्री में जमीन देने का फैसला किया है।

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