गाजीपुर । मुहम्मदाबाद क्षेत्र के परसा गांव में चल रहे भागवत कथा में अयोध्या से पधारे परमसंत फलाहारी बाबा ने श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य पर चर्चा करते हुए कहा कि बेद रूपी वृक्ष का फल श्रीमद् भागवत कथा है। सबसे पहले विष्णु ने ब्रह्मा को ब्रह्मा ने नारद को नारद ने वेदव्यास को वेदव्यास ने शुकदेव को शुकदेव ने परीक्षित को कथा सुनाई। कल्याण का सर्वश्रेष्ठ साधन श्रीमद् भागवत कथा है। कुंती ने कृष्ण से दुख मांगा इसलिए की दुख में प्रायः:विशेष रूप से परमात्मा का स्मरण होता है । श्मशान स्पताल गर्भ और सत्संग चार जगह परमात्मा विशेष रूप से याद आता है। परमात्मा का स्मरण उच्चारण और श्रवण ही जीवात्मा के लिए अविनाशी संपत्ति है। जो श्मशान के यात्रा के आगे भी यात्रा में साथ देती है। श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार चौथी सृष्टि का विस्तार हम सब मानव है हम सबके पूर्वज का नाम मनु और शतरूपा है। हम सब एक हैं। किसी भी समारोह में एकता तो आ जाती है लेकिन हम एक नहीं हो पाते। एकता आने में शक्ति नहीं बल्कि एक होने में शक्ति होती है। कथा और सत्संग माध्यम से एकता लाकर एक करने का प्रयास किया जाता है। ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शुद्ध वर्ण का नाम नहीं बल्कि व्यवस्था का सर्वोत्तम सोपान है।