
गाजीपुर। गाजीपुर जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में राशन वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। खासतौर पर छावनी लाइन, बिरनो और ढेलवा आदि ग्राम सभाओं में कोटेदारों के खिलाफ अनियमितताएं मिल रही हैं, जिसकी सोशल मीडिया पर विडियो भी वायरल हो रही है। लेकिन संबंधित विभाग इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारियों और कोटेदारों की मिलीभगत से सरकारी राशन का वितरण सही तरीके से नहीं किया जा रहा और अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं।
खासकर ढेलवा गांव के रामाशीष राम, जो कि कोटे की दुकान चलाते हैं, पर आरोप है कि वह राशन वितरण के दौरान घोटाले में लिप्त हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब कोई व्यक्ति राशन लेने के लिए दुकान पर जाता है, तो राशन का तौल करते समय वह इलेक्ट्रिक कांटे पर सूत की बोरी रखकर तौलते हैं। इससे राशन का वितरण कम किया जाता है और उपभोक्ताओं को उनका हक नहीं मिलता। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो कोटेदार ने उन्हें अपशब्दों का भी इस्तेमाल करते है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब स्थानीय लोग अपनी समस्याओं को लेकर विभाग के पास गुहार लगाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को समय-समय पर राशन वितरण की जांच करनी चाहिए, ताकि इस तरह की अनियमितताएं रोकी जा सकें। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने से लोग परेशान हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही जिम्मेदार अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। कोटेदारों की मनमानी के चलते ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है। कई लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह के घोटालों का खुलासा होने पर शासन-प्रशासन को इनकी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सके। वहीं, अधिकारियों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि लोगों को उनका हक मिल सके और राशन वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाई जा सके। आशा है कि प्रशासन इस मुद्दे पर जल्द ध्यान देगा और कोटेदारों द्वारा किए गए इस घोटाले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगा। अगर यह समस्या नहीं सुलझाई जाती है तो लोगों का भरोसा प्रशासन पर और भी कमजोर हो सकता है, जो भविष्य में और समस्याओं का कारण बन सकता है।
मुख्य बिंदु:
- अनियमितताएं और भ्रष्टाचार:
छावनी लाइन, बिरनो और ढेलवा जैसे गांवों में राशन वितरण के दौरान कोटेदारों पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार रामाशीष राम इलेक्ट्रिक कांटे पर सूत की बोरी रखकर राशन तौलते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को कम राशन मिलता है। - कोटेदारों की मनमानी:
शिकायत करने पर कोटेदारों द्वारा ग्रामीणों को धमकाने और अपशब्दों का प्रयोग करने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इससे ग्रामीणों का प्रशासन और व्यवस्था पर विश्वास डगमगा रहा है। - शिकायतों का अनदेखा किया जाना:
स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। - ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीण चाहते हैं कि शासन-प्रशासन इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। वे यह भी चाहते हैं कि राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की जाए।
अपेक्षित समाधान:
- गंभीर जांच: प्रशासन को तत्काल प्रभाव से इस मामले की जांच करनी चाहिए।
- दोषियों पर कार्रवाई: दोषी पाए जाने वाले कोटेदारों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
- पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय: राशन वितरण प्रणाली में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो इससे प्रशासन पर उनका भरोसा और कमजोर हो सकता है। प्रशासन को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।