गाजीपुर । अति प्राचीन शिव मंदिरों में शुमार भांवरकोल क्षेत्र के भदौरा ग्राम स्थित बाबा भदेश्वर नाथ महादेव आज भी हजारों श्रद्धालुओ के आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है।ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मनौती मानता है।बाबा भदेश्वर नाथ उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं।यही कारण है कि बर्ष भर श्रद्धालु दर्शनार्थियों उत्तर प्रदेश के अलावा पूर्वी बिहार के पश्चिमी छोर के लोग पूजा अर्चना पूरे साल तक चलता है। मन्दिर के संबंध में यहां के पुजारी एवं बुजुर्गों ने बताया कि बाबा भदेश्वर नाथ महादेव पांच भाई माने जाते हैं इन पांचों में से किसी का एक दिन दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। यह मान्यता है की भदौरा के बाबा भदेश्वर नाथ महादेव, कारों के कालेश्वर नाथ महादेव, ब्रह्मापुर बिहार में ब्रह्मेश्वर नाथ महादेव ,बलिया के बरमेश्वर नाथ महादेव ,तथा अमाव अमरेश्वर नाथ महादेव विराजमान है । बाबा भदेश्वर नाथ का शिवलिंग खुदाई से निकाला था बताया जाता है कि उक्त स्थान पर कालांतर में घनघोर जंगल था। हाथी लेकर हाथीवान पहुंचा और पीपल पर चढ़कर चारा काटते समय उसकी टांगी बार-बार गिरने लगी क्रोध में आकर उसने उतर कर जहां टांगी गिरी थी उस जगह पर टांगी से काटने लगा टक टक की आवाज से देखा कि पत्थर है उसे खुदाई कर देखा तो शिवलिंग था उसे ऊपर निकाला गया और आज भी उस शिवलिंग पर कटा भाग उसी तरह दिखाई देता है। इस सम्बन्ध में यहां व्याप्त किंवदन्तियों के अनुसार नारायणपुर गांव का एक रस्तोगी परिवार का व्यापारी अपने घोड़े पर सामान लादकर व्यापारी के लिए उसी जंगल के रास्ते से गुजर रहा था। अचानक उसका घोड़ा गिरकर छटपटाने लगा। व्यापारी यह देख हतप्रभ एवं काफी निराश हो गया। उसने थोड़ी दूर पर पडे़ पत्थर को छूकर कहा कि हे भगवान मेरा घोड़ा ठीक हो गया तो उस स्थान पर मन्दिर बनवाऊंगा। देखते ही देखते उसका घोड़ा ठीक हो गया। व्यापारी ने 1890 ईस्वी में भव्य मंदिर बनवा दिया एवं सामने माता पार्वती जी का मंदिर विराजमान है ।यहां श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा करने आते हैं सावन मास में महत्व काफी बढ़ जाता है और सारी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। बर्तमान में इसी मंदिर प्रांगण में कोटवां नारायणपुर निवासी एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उमेश कुमार द्वारा 10 जून 2019 को मंन्दिर परिसर में भव्य हनुमान मंदिर बनाकर प्रांगण में चार चांद लगा दिए।