गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के अवथहीं गांव स्थित काली मन्दिर पर नौ दिवसीय लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ में अयोध्या धाम से पधारे कथावाचक आरती किशोरी जी ने राम कथा के दौरान बताया कि शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई। श्री किशोरी जी ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। शिव-पार्वती विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे।इस दौरान प्रमुख रूप से जयकृष्णा राय, विजय शंकर पांडेय, सुभाष यादव ,ओम प्रकाश राय, हरिओम पांडेय ,अजय पांडेय सहित काफी संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।