गाजीपुर । बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रहे डॉक्टर उमेश कुमार सिंह ने सपा सांसद गाजीपुर अफजाल अंसारी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे गलत और सनातन धर्म का अपमान बताया है। उन्होंने कहा है कि गाजीपुर के सांसद ने जो बहुसंख्यक हिन्दू धर्म के मठ -मंदिर और संत महंतों के प्रति दुर्भावना पूर्ण बयान दिया है इसे हिंदू जनमानस को गहरी ठेस पहुंची है, सांसद महोदय को पता होना चाहिए कि हमारे संविधान में हर व्यक्ति को अपने धर्म को मानने और न मानने की आजादी तो जरूर है लेकिन दूसरे के धर्म की निंदा ही सांप्रदायिकता है।सांसद अफजाल अंसारी ने देवालयों और शिवालयों में घूमना शुरू किया तो हमने सोचा कि बूतपरस्ती को उन्होंने स्वीकार किया लेकिन वह अपनी कुटिल चाल से कुछ और खोज रहे थे ऐसे व्यक्तियों का मंदिरों- मठो में प्रवेश भी बंद होना चाहिए। सांसद से अनुरोध है कि उनके धर्म में तो हर तरह का नशा वर्जित है फिर भी उठा कर देख ले कि 80% अल्पसंख्यक समुदाय नशे की गिरफ्त में है कुछ तो खुलेआम सिगरेट, गुटका,पान,दारू का सेवन करते हैं, तस्करी में भी लिप्त रहते हैं और जो थोड़ी बहुत धर्म के दबाव में हैं वह नशीली दवाओ और सिरप का प्रयोग करते हैं। शाम को 6:00 बजे से 8:30 के बीच देश के सभी मेडिकल स्टोरों पर अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाएं और बच्चे कतार में नशीली दवाओं और सीरप के लिए लगे रहते हैं। मठ – मंदिरों की जगह सासद महोदय अगर अपने अहाते में ढूढते तो बहुत कुछ मिलता यह बिखरे हुए लोग समाज में बिखराव के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं। अल्पसंख्यकों का यह अतिवाद बहुसंख्यकों को भी अतिवादी बना रहा है जो देश के लिए अहितकर है। सरकारो को इन विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, अतिवाद से बचना चाहिए और तथागत बुद्ध के बताएं मध्यम मार्ग से ही भारतवर्ष की उन्नति हो सकती है।
पुलिस ने जो सांसद महोदय पर मुकदमा दर्ज किया है वह भी एक खानापूर्ति है। यह एक गंभीर अपराध है। बहुसंख्यकों को भड़काने का प्रयास है यह सांप्रदायिक उन्माद है इसकी ठीक से विवेचना कर मुकम्मल धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
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