गाजीपुर । बेसिक शिक्षा विभाग में दो दिनों से चल रहे हाई प्रोफाईल ड्रामे को आज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर हेमंत राव ने करंडा ब्लाक के दो शिक्षक नेताओ मानवेन्द्र सिंह व चंद्रशेखर सिंह पर निलंबन की बड़ी कार्यवाही करते हुये मामले का पटाक्षेप दिया। उक्त मामले की जांच हेतु त्रिस्तरीय खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम का भी गठन कर दिया गया है।ज्ञातव्य हो कि 15 अक्टूबर को महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के आदेश के क्रम में पूरे प्रदेश के सभी शिक्षा संकुलों पर शिक्षकों की बैठक आयोजित कर छात्रों को निपुण बनाने संबंधी एजेंडे पर चर्चा की जानी थी। यह बैठक शिक्षकों को विद्यालय में शिक्षण कार्य करने के उपरांत ही किया जाना था ताकि शिक्षण व्यवस्था में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो सके । इसके लिये पूरे प्रदेश में मानीटरिंग के लिये सभी बी एस ए , बी ई ओ ,एस आर जी व ए आर पी को महानिदेशक द्वारा पूर्व में ही पत्र जारी कर आदेशित किया गया था। इसी क्रम में विकास खंड करंडा में भी सभी संकुलों में अपराह्न 2.30 बजे से 4 बजे के बीच शिक्षकों की मीटिंग विकास के विभिन्न शिक्षक संकुलों पर आयोजित होनी थी लेकिन शिक्षा संकुल मुड़वल की मीटिंग में सभी आदेशों की धज्जियां उड़ा दी गयी। मुड़वल संकुल के शिक्षक दोपहर बाद अपने विद्यालयों को समय से पहले ही बंद करके बैठक स्थल कंपोजिट विद्यालय धितुआं,करंडा पर एकत्रित हो गये। वहां विद्यालय पर विधिवत पूड़ी सब्जी खीर की पार्टी हुयी तत्पश्चात शिक्षक खा पीकर मीटिंग समय से पूर्व ही अपने अपने घर चले गये। उसी दौरान खंड शिक्षा अधिकारी करंडा रवीन्द्र सिंह मीटिंग मे प्रतिभाग करने व पर्यवेक्षण करने हेतु धितुआं विद्यालय पर पहुंचकर अवाक रह गये। क्योंकि मुड़वल संकुल के अधिकांश शिक्षक मीटिंग के निर्धारित समय से पूर्व ही घर जा चुके थे। धितुआ विद्यालय पर वहां कार्यरत शिक्षक उपस्थित सहायक अध्यापक चंद्रशेखर सिंह से संकुल बैठक का रजिस्टर बी ई ओ करंडा द्वारा मांगा गया, जिससे विवाद शुरू हुआ। विवाद बढ़ता देख बी ई ओ वहां से चले गये और समीपवर्ती संकुल कुसुम्हीकला की मीटिंग में प्रतिभाग करने प्राथमिक विद्यालय सहेंड़ी पर चले गये। इसी बीच समय से मीटिंग में प्रतिभाग न करने की कार्यवाही के भय से दो शिक्षक नेताओ मानवेन्द्र सिंह व चंद्रशेखर सिंह पीछा करते हुये सहेड़ी पहुंचकर पुनः बी ई ओ करंडा से उलझकर दबाव बनाने लगे। सहेड़ी में शिक्षकों के साथ बैठक कर रहे बी ई ओ को मीटिंग से बाहर बुलाकर अपमानित करने का प्रयास किया गया लेकिन बी ई ओ करंडा शिक्षक नेताओं के दबाव में आये बिना तुरंत घटना की जानकारी बी एस ए व पुलिस के उच्चाधिकारियों को दे दी गयी।अब शिक्षक नेता अपने को फंसता देख बी एस ए कार्यालय की परिक्रमा शुरू कर दिये लेकिन बी एस ए ने बिना किसी दबाव के निष्पक्ष होकर दोनों शिक्षक नेताओं पर अनुशासनहीनता,शासकीय कार्यों में व्यवधान व शिक्षक कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत कार्य के आरोप में निलंबित करते हुये त्रिस्तरीय जांच टीम गठित कर खंड शिक्षा अधिकारी सदर ,जखनियां व कासिमाबाद को संयुक्त रूप से सौंप दी गयी।दोनों शिक्षक नेताओं के निलंबन होने के पश्चात करंडा ब्लाक के अन्य शिक्षकों पर भी तलवार लटक रही है जिन्होंने संकुल बैठक में ससमय प्रतिभाग नहीं किया है। क्योंकि अब त्रिस्तरीय कमेटी द्वारा मामले की जांच होगी। बी एस ए गाजीपुर के इस सख्त कार्यवाही से सभी शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ बी ई ओ करंडा ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक के यहां भी तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। अभी तक पुलिस द्वारा इस मामले में आगे कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।हालांकि बी ई ओ की तहरीर पुलिस अधीक्षक महोदय ने संबंधित थाने को भेज दी है। दूसरी तरफ शिक्षक संगठन भी इस कार्यवाही को लेकर एकजुट हो रहे हैं लेकिन मामला पुलिस प्रशासन के पास होने के कारण शिक्षक नेता भी खुलकर इस घटना में सामने आने में कतरा रहे हैं। इस संदर्भ में देर शाम सभी शिक्षक संगठनों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल बी एस ए से मिलकर निलंबित शिक्षक नेताओं के बहाली की मांग करने पर अड़ा रहा।वहीं कुछ शिक्षक नेता इस घटना को दूसरे तरफ मोड़ते हुये बी ई ओ करंडा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का प्रयास भी करते नजर आ रहे हैं। अब अगर मामले में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी तो शिक्षक नेताओं की मुश्किलें काफी हद तक और बढ़ जायेंगी।