गाजीपुर । महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 5 जुलाई 2024 को शिक्षकों हेतु स्कूल मे ऑनलइन उपस्थिति का आदेश दिया गया है। जिसको लेकर शिक्षकों मे भारी रोष व्याप्त है क्योंकि आये दिन जारी होने वाले आदेशों से समाज मे शिक्षकों की छवि धूमिल हो रही है। ऐसी स्थिति के चलते शिक्षक तनावग्रस्त है। समाज मे यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि शिक्षल ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।मै आपका ध्यान कुछ बिन्दुओ पर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि उनकी कुछ मांगो को पूरा कर दिया जाए तो उन्हें ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने मे कोई समस्या नहीं होंगी।
निम्नलिखित बिंदु
1- 14 सी एल के साथ 15 हाफ सी एल
2- गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति
3- 30 ई एल
4- अंतर्जनपदीय स्थानतरण पर स्थाई नीति
5- अवरुद्ध पदोन्नति को पूर्ण किया जाये।साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद कि नियमावली को भी संबंधित अधिकारियो द्वारा श्रमपूर्वक अद्यतन संशोधित किया जाना चाहिए। जिसमे शिक्षकों का हित हो सके और बार बार मामले न्यायालय मे न पहुँचे।कई बार अधिकारियो के लापरवाही कि वजह से भी शिक्षक समाज के बीच सरकार कि छवि धूमिल होती है।मुख्यमंत्री जी इन्हे शादी करने के लिए भी मेडिकल लिव लेकर शादी करनी पड़ती है। क्या ये सही है।शिक्षक बच्चे को अच्छी शिक्षा देकर एक अच्छा समाज और अच्छा इंसान बनने कि प्रेरणा देता है। शिक्षक समाज के प्रति नौकरशाहो को गलत नीतिया बनाने से पहले ये भी सोचना चाहिए था कि इससे समाज मे एक शिक्षक के प्रति कितना गलत संदेश जायेगा और शिक्षकों के बीच सरकार के प्रति कितना गलत संदेश जाएगा।ऐसी नीति बनाने से पहले शिक्षक संघ से शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियो द्वारा वार्ता क्यों नहीं कि गई।आपसे मेरी अपील है कि शिक्षा विभाग के लापरवाह उच्चाधिकारियो पर कार्यवाही करते हुए सरकार इस फैसले को वापस ले या शिक्षकों कि मांगो को पूरी करे।हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस मुद्दे पर त्वरीत कार्यवाही करेंगे।पत्रक देने मे शाकिब रहमान उर्फ़ खुर्रम नगर अध्यक्ष, सुरेन्द्र राम, मनीष पटवा, संतोष पांडेय, परवेज राईनी, अजीत सिंह, अतुल सिंह, दिनेश यादव जब्बार राईनी, रोहणी कुशवाहा, आदि लोग उपस्थित थे।