गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के शेरपुर खुर्द गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक हेमनाथ राय एवं पूर्व शिक्षकों के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय सचिव विनोद राय ने मां सरस्वती के तेल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर श्री राय ने शहीदी धरती को नमन करते हुए कहा कि शिक्षक विशेष की विदाई हो और इस तरह से सम्मानित किया जाना बड़े ही फक़ की बात है। कहा हेमनाथ राय जी आपसे कहना चाहूंगा कि नि: संदेह आपने अपनी सेवा काल में ऐसा कुछ किया है जिसके चलते आपके सेवानिवृत्त पर गुरूजनों ने आज आपको सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि इस समाज में कुछ नहीं जाता साथ में जब सेवा से विरत होता है आदमी तो केवल उसके कर्म जाते हैं और जीवन से भी जब जाता है तो उसके केवल कर्म जाते हैं । आपने जो कर्म किया है उसका यह प्रतिफल है । उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जीवन में शिक्षक वाकई कभी सेवा निवृत नहीं होता। लगता है कि जीवन में दो चीज हैं जो हमें दिखाई देती हैं एक शिक्षक और एक सड़क । अगर जीवन में इनका अनुसरण किया जाए तो समय जरूर लगेंगे परेशानी जरूर खड़ी होगी लेकिन मंजिल मिलने की गारंटी अगर कोई देता है तो केवल दो चीज होती है वह होती है एक सड़क और शिक्षक। लेकिन उनकी सेहत का ख्याल रखना पड़ता है समय-समय पर मरम्मत करनी होती है अगर उनकी सेहत का ख्याल रखा जाए इन्हें ठीक से रखा जाए तो इसका लाभ गांव को उनके इस ज्ञान का लाभ मिलेगा। इन्होंने जिस परंपरा को सहेजने का काम किया है पीढ़ियां जो है वह परंपराओं से अपने प्रेरणा लेती है। किसी बच्चे को रोज आप सिखाए की बड़ों का सम्मान करना चाहिए आदर करना चाहिए माता-पिता का सम्मान करना सब कुछ करना चाहिए और वास्तव में अपने अपने जीवन में सम्मान नहीं किया है । बुजुर्गो का सम्मान नहीं किया माता-पिता का सम्मान नहीं किया तो बच्चे भी जीवन में वह भी कभी आपका सम्मान नहीं करेगा अगर आपने सम्मान किया है तभी आपको लौटेगा। अगर आप परंपराओं को नहीं आधुनिकता की दौड़ में आधुनिकता का मतलब है यह नहीं कह रहा हूं कि आधुनिकता नहीं होनी चाहिए लेकिन आधुनिकता और परंपरा दोनों का सामंजस्य बिठाकर रखा जाए तो आसान विकास होगा और केवल आधुनिकता में जाएंगे पुरानी परंपरा के साथ पुरानी पीढ़ी के साथ पुराने संस्कारों के साथ पुरानी सीख के साथ सामंजस्य बिठाकर जाओगे तो बुलंदियों पर पहुंच जाओगे। इस मौके पर हेमनाथ राय ने कहा कि संघर्ष ही जीवन है। किसी भी प्रकार की परिस्थितियां हो आप संघर्ष पूर्वक उसका सामना करते हुए सफलता प्राप्त करें।कहा बच्चे जब बड़े होते हैं तो आगे चलकर के इसमें से निकलते है जो देश की सीमा की सुरक्षा करते हैं और वही देश के राष्ट्र के भविष्य का निर्धारण करते हैं। साथियों मैं जहां तक समझना शिक्षक का संबंध शिक्षार्थी से होता है।इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी दीनानाथ साहनी , जयानंन्द राय मोनू, दिनेश चौधरी, श्रीनरायण उपाध्याय, डा0 अनिल पाण्डेय, उमेश चन्द्र राय, रामजी राय, राजेंद्र राय, हेमनाथ राय, रणजीत राय, जयप्रकाश पांन्डेय, ओमप्रकाश राय मुन्ना, दयाशंकर राय, महिमा नारायण राय, शिवशंकर राय, गिरिजा राय, अच्छेलाल त्यागी, सुरेंद्र तिंपाठी, दशरथ यादव,राजीव प्रधान ,जामवन्ती राय, मालती राय,मनीष राय,आशीष राय आदि ने बिचार ब्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजी राय एवं संचालन बालाजी राय ने किया।