गाजीपुर । निवर्तमान बसपा सांसदअफजाल अंसारी का बयान देश में जो सबसे बड़ी संख्या में दलित मतदाता हैं उनसे उम्मीद है।देश मे लोकतंत्र बचाने और संविधान की रक्षा के लिये वो वोट करेंगे।मीडिया के लोगों की सलाह बीजेपी के लोग जरूर मानते हैं और उनके इशारों को समझते भी हैं।इलेक्टोरल बांड घोटाले का कांड बन चुका है।
2017 में इस बांड का लेकर चिंता हुई थी और निर्वाचन आयोग ने भी इसे सही प्रक्रिया नहीं माना था।जब कोई सत्ता के नशे में होता है तो उसे एहसास ही नहीं होता है कि किसी दिन स्थिति बदलेगी।इस बांड को खरीदने के लिये केवल स्टेट बैंक को कहा गया।जो पैसा बैंक में है उसे काला धन नहीं कह सकते जबकी गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि ये व्यवस्था काला धन लाने के लिये की गयी।एक महिला पत्रकार ने बांड खरीदकर इसका खुलासा कर दिया और फोरेंसिक जांच करा दी और पता चला कि इसमें एक नम्बर भी है जिसे आप देख नहीं सकते।पार्टियों को करोड़ों में चंदा मिल रहा है।अकेले ये मुद्दा सारा भौकाल खत्म कर देगा। पाकिस्तान की कंपनी ने भी चंदा दिया।बीफ का व्यापार करने वाली कंपनियों से बीजेपी ने करोड़ों का चंदा लिया।
बेनकाब हो चुके हैं और लोग इनके चेहरे से नकाब हटता जायेगा।सब पोल दिखाते रह जायेंगे और जनता पोल कर देगी।अब ईवीएम का विषय इस चुनाव में विवाद का बिंदु नहीं रह गया है।400 पार वाला नारा तब दिया गया था जब घोटाला कांड नहीं हुआ था।अभी 195 की सूची जारी करने वाली पार्टी 400 पार का दावा कर रही है। मनोज सिन्हा पर जमकर बरसे अफजाल अंसारी गंगा पुल को कोई नहीं नकार सकता लेकिन मनोज सिन्हा संचार मंत्री थे और 21 लाख करोड़ का बीएसएनएल मिट्टी में मिल गया।
अगर इसे जोड़ दें तो आप विकास पुरुष का शब्द वापस ले लेंगे।इसी गाजीपुर में आपने जिसे ठग की संज्ञा दी दी उसी संजय र शेरपुरिया ने श्री सिन्हा जी के चुनावी खाते में 25 लाख रुपया दे दिया।इसकी कोई जांच नहीं होगी।
खुद मनोज सिन्हा भी बीएसएनएल की सिम से काम नहीं चला सकते।दूसरा करे तो जातिवादी है आप ओमप्रकाश राजभर से जातिगत समीकरण नहीं ठीक कर रहे हैं।आप अनुप्रिया पटेल,जयंत चौधरी से समझौता कर लिये तो ये जातिवाद नहीं है। संजय निषाद को गोद मे उठा लिये तो ये परिवारवाद नहीं है।सीएए हड़बड़ी में लाया गया क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने एसबीआई से भेद खोलने के लिये कह दिया था।परिवर्तन संसार का नियम है।लंकापति रावण अपने से नहीं स्वीकार किया था वो तो त्रिलोक विजेता हो गया था,कंस भी नहीं मानने को तैयार था कि हमारे राज्य में कोई ऐसा जन्म ले लेगा जो हमारी सत्ता का पतन कर देगा।
मुझे हर समय हर क्षण आशंका है कि मेरे साथ को षड्यंत्र रचा जा रहा होगा।गाजीपुर की जनता इस बार भी मेरे साथ खड़ी हो गयी तो बहुत से लोगों का मुंह दिखाना मुश्किल हो जायेगा लेकिन मैं टिड्डी नहीं हूं कि आसमान की ओर पैर खड़ा करके लेट जाऊंगा।इस बार भी कह रहा हूं चुनाव तो सिन्हा जी लड़ सकते हैं पर मेरे सामने बैठकर गणना नहीं करा सकते हैं।मेरी बहू को जेल में डाला गया,मेरा भाई जेल में है मेरा बेटा जेल में है लेकिन आज एक खुसखबरी आयी कि सर्वोच्च न्यायालय ने मऊ विधायक अब्बास अंसारी को जमानत दे दी है।*वो विधानसभा का चुनाव लड़ रहा था और योगी जी सर नीचे और पैर ऊपर कर दिये थे कि जितने न पाये पर जीत गया*अब्बास के पास निशान क्या था छड़ी और आज वो छड़ी भाजपा के पास है।सर्वशक्तिमान महाबली लोगों को इसकी जरूरत क्यों पड़ी।मनोज सिन्हा लड़ते थे तब भी गाजीपुर में भूमिहार बड़ी संख्या में अफजाल अंसारी को वोट करता था।पिछली बार कहा गया कि अंदर से योगी जी ठीक नहीं थे इसलिये राजपूतों का वोट गड़बड़ा गया था।सिन्हा जी की ये कमजोरी है वो जब पावर में रहते हैं तो छाती पर बैठ जायेंगे जब हल्के हो जाते हैं तो शक्ल शुरत भी नहीं दिखाते हैं।विधानसभा में सातो सीट पर डीह बाबा और काली जी की पूजा किये पर और अपने तो अपने देवी देवताओं से भी पैरवी किये पर उनकी एप्लीकेशन खारिज हो गयी कोई दूसरा होता तो कभी किसी के लिये न टिकट मांगता न पैरवी करता।पानी अंदर मरा है।