गाजीपुर । ऋषि पंचमी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। क्षेत्र में विभिन्न गांवों में महिलाओं ने ऋषि पंचमी का व्रत रख पुरी भक्ति एवं आस्था से अटल शौभाग्य की कामना की। आज सुबह जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर महिलाओं ने आस्था की डुबकी लगाई। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि व्रत व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति दिलाते हैं। ऐसा ही एक व्रत है ऋषि पंचमी। ये पर्व मुख्य रूप से महिलाओं का माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार जो महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करती हैं उन्हें अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप भी नष्ट हो जाते हैं। ऋषि पंचमी का दिन देवी-देवता नहीं बल्कि सप्त ऋषियों को समर्पित है। ऋषि पंचमी पर महिलाएं गंगा स्नान करें तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन ऋषि मुनि वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र, जमदग्नि, अत्रि, गौतम और भारद्वाज ऋषि की पूजा होती है। हालांकि यह व्रत ठीक तीज पर्व के दूसरे दिन पड़ हैं। यह व्रत हर वर्ग की महिलाओं द्वारा रखा जाता है। महिलाओं ने इस पर्व को पूरे भक्ति भाव से संपन्न किया। महिलाओं ने कथा श्रवण करने के बाद तेनी का चावल और दही खाकर व्रत का समापन किया।