गाजीपुर । माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा के काम करने वाले शिक्षकों में सरकार की ओर से पारिश्रमिक का भुगतान करने में हो रही देरी पर नाराजगी देखने को मिल रही है। यूपी बोर्ड की वर्ष 2021-22 परीक्षा में ड्यूटी व कॉपियों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को अभी तक पारिश्रमिक नहीं मिला है। जबकि 2024-25 सत्र के परीक्षा केन्द्रों में शिक्षकों की ड्यूटियां आ गई हैं। शिक्षकों का आरोप है कि पारिश्रमिक का बाउचर बनाकर भेजा जा चुका है, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है। तीन साल से नहीं मिला पारिश्रमिक भुगतान न होने से प्रदेश के करीब 758 राजकीय, एडेड और वित्तविहीन स्कूलों के करीब तीन हजार से अधिक शिक्षकों में नाराजगी है। माध्यमिक शिक्षक संघ भुगतान के लिए डीआईओएस समेत अन्य जिम्मेदारों को कई पत्र दे चुका। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय का कहना है कि वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 में यूपी बोर्ड की परीक्षा में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को कक्ष ड्यूटी के पारिश्रमिक का भुगतान अभी तक नहीं मिला है। प्रदेश में हजारों शिक्षकों का भुगतान रुका हुआ। यह संख्या 20 हजार के करीब शिक्षकों का पैसा बकाया है।काफी कम पारिश्रमिक मिलता है
माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में कक्ष ड्यूटी करने वाले प्रति ड्यूटी एक शिक्षक को 48 रुपये मिलते हैं। 10वीं में प्रति कॉपी जांचने के 11 रुपये और 12वीं की कॉपी के 13 रुपये देने का प्रावधान है। शिक्षकों के दबाव पर परिषद ने यह राशि वर्ष 2019 में बढ़ाई थी। इससे पहले यह राशि और भी कम थी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि कॉपी मूल्यांकन के भुगतान की जिम्मेदारी उस केन्द्र के प्रधानाचार्य की होती है। बाकी बकाया भुगतान की जानकारी नहीं है। इसे पता करा कर जल्द भुगतान कराया जाएगा।
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