गाजीपुर । पी०जी० कालेज गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में कला संकाय के भूगोल विषय की शोधार्थिनी विभा पाठक ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “उत्तराखण्ड में पारिस्थितिकी-पर्यटन: एक भौगोलिक विश्लेषण” नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन की दृष्टि से देश का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहाँ देश-विदेश से लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष पर्यटक आते रहते हैं। परन्तु पर्यटक स्थलों की ठीक से देख-रेख नहीं हो पाने, पर्यटकों की भीड़ एवं नासमझी के कारण यहाँ के पर्यटक स्थल अनेक सामाजिक-आर्थिक एवं पर्यावरणीय समस्याओं से ग्रस्त होने लगे हैं और उनका प्राकृतिक सौन्दर्य क्षतिग्रस्त होने लगा है। इससे सरकार, शोधकर्ताओं, योजनाकारों, प्रबन्धकों आदि का ध्यान इस ओर गया है और अब परिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जाने लगा है, जिससे क्षेत्र का प्राकृतिक वातावरण एवं पर्यटक स्थलों का प्राकृतिक सौन्दर्य बना रहे। इस अध्ययन के निष्कर्ष में पाया कि जब से सरकारों द्वारा परिस्थितिकी पर्यटन की ओर ध्यान दिया गया और नई नई योजनाएं बनाई जाने लगी तो बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक इस ओर आकृष्ट हुए हैं। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक एवं भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० सुनील कुमार शाही, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ०के०के० पटेल, डॉ० नितिश कुमार भारद्वाज, डॉ० गौतमी जैसवारा, डॉ०अतुल कुमार सिंह, डॉ० अंजनी कुमार गौतम एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत मे डॉ० सुनील कुमार शाही ने सभी का आभार व्यक्त किया, संचालन अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह ने किया।